जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ ने सेण्टर फॉर क्रिमिनोलॉजी एंड पब्लिक पॉलिसी के सहयोग से 17 अक्टूबर को अपराधशास्त्र एवं पुलिस विज्ञानं के डिप्लोमा कोर्सेज का उद्घाटन किया, जिसमे राजस्थान जेल विभाग के डी.आई.जी. व उदयपुर सेंट्रल जेल के सुपरिन्टेन्डेन्ट, सुरेंद्र सिंह शेखावत, ने मुख्य अथिति के रूप में शिरकत की|
समारोह के संचालक आर. रोचिन चंद्रा ने इस पाठ्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा की, अपराधशास्त्र एवं पुलिस विज्ञान जैसे कोर्सेज अपराधिक न्याय व्यवस्था को बलकारक बनाने के साथ-साथ सिस्टम की कार्य क्षमता बढ़ाने में बेहद मदद कर सकते है| इस बात को स्वीकारते हुए केंद्र सरकार ने हालही में नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी को निर्माण किया, ताकि पुलिस एवं जेल विभाग में सब्जेक्ट मेटर एक्सपर्ट्स की भर्ती की जा सके|
समारोह में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को सम्बोदित करते हुए, मुख्य अथिति, सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया की जेल प्रशासकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमे जेलों के अंदर अतिशय भीड़भाड़, बंदी दलों में अन्दरूनी लड़ाई, अपराध दोहराना और मानवविज्ञानिक तनाव जैसी चुनौतियों का हमारे पास आज भी कोई हल नहीं है| उन्होंने ये भी कहा की एक अपराध विशेषज्ञ जेलों कीअवस्था व उनमे रह रहे अपराधियों की मानसिकता में बखूबी बदलाव ला सकता है|
सेण्टर फॉर वूमेन स्टडीज की निर्देशक, प्रो. मंजू मांडोत ने अपना अनुभव व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को “क्राइम अगेंस्ट वूमेन” और “साइबर सिक्योरिटी” जैसे विषयों पे सम्भोदित किया|