कोरोना प्रभावितों को दान करते समय रखे विशेष ध्यान

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कोरोना प्रभावितों को दान करते समय रखे विशेष ध्यान

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Picture Credits: State Bank of India

साइबर ठग भोले-भाले लोगों को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ते| और इस बार वे पीएम केयर्स फंड द्वारा लोगो को बुद्धू बनाकर उनके पैसे लूट रहे है|

Opinion

कोरोना प्रभावितों को दान करते समय रखे विशेष ध्यान

rochinby R Rochin Chandra   
31 March 2020

पिछले महीने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की| तभी एक हफ्ते बाद कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न हुई चिंताजनक हालात में प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से आर्थिक सहयोग देने की अपील की और इसके लिए प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स फंड) का गठन किया| उल्लेखनीय है की यह फंड कोरोना वायरस और इसके समान किसी अन्य आपात और संकट की स्थिति से निपटने में आर्थिक रूप से मददगार प्राप्त करने के लिए बनाया गया है, और इसमें दान करने के लिए ट्रस्ट की बैंक डिटेल्स भी जारी की गई है, जिसमे भीम एप के जरिये भी मदद भेजी जा सकती है| जहाँ इस फंड में अब तक 6500 करोड़ रूपये से ज्यादा इकट्ठे हो चुके है,और देश की मदद के लिए कई बड़े-बड़े उद्योगपति और सेलिब्रिटी सामने आ रहे है, वहीँ कुछ शातिर लोग (साइबर ठग) इस मौके का फायदा उठाकर लोगो की जेब साफ़ करना चाहते है|

पीएम रिलीफ फंड की बनाई फ़र्ज़ी यूपीआई आईडी, वेबसाइट्स और फेसबुक अकाउंट

ठगों ने इस फंड की यूपीआई आईडी से मिलती झूलती आईडी बनाकर धोखा-धड़ी शुरू कर दी है और फ्रॉड डोनेशन प्राप्त करने के लिए लोगो को ईमेल एवं व्हाट्सप्प द्वारा फर्जी लिंक्स भेज रहे है| जैसे, प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए जो UPI ID है वो PMCARES@SBI है, यानी की पीएमकेयर्स@एसबीआई जबकि फर्जी अकाउंट PMCARE@SBI यानी पीएमकेयर@एसबीआई है| दोनों आईडी में सिर्फ ‘एस’ का फर्क है। इसके अलावा पुलिस ने कई नकली UPI IDs को ट्रेस किया है, जो pmcares@pnb, pmcares@hdfcbank, pmcare@yesbank, pmcare@ybl, pmcare@upi, pmcaree@sbi and pmcares@icici के नाम से है। हालाँकि स्टेट बैंक और महाराष्ट्र साइबर पुलिस ऐसी फर्जी IDs को डिसएबल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन एक जैसे दिखने की वजह से ये IDs किसी को भी बुद्धू बना सकती है, और आपका पैसा असली फंड में ट्रांसफर करने की बजाय ठगों के बैंक खाते में भेज सकती है|

सिर्फ यही नहीं, प्रधानमंत्री केयर्स फंड के नाम से कई फर्जी वेबसाइट्स भी बन चुकी है जिन्हे ब्लॉक करने की प्रक्रिया इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) द्वारा शुरू हो चुकी है| आम तौर पे इन वेबसाइट के लिंक्स ईमेल के जरिये भेजे जाते है और इनके फीचर्स हूबहू भारत सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट्स की तरह ही दीखते है| लेकिन असल में ये एक फिशिंग पेज होता है, जोकि छल द्वारा डोनर्स से उनकी बैंकिंग क्रिडेंशिअल ले लेता है और फिर इस इनफार्मेशन के जरिये साइबर ठग उनके पैसे चोरी कर लेते है| इसके अलावा ये भी देखा गया है की ठगों द्वारा भेजा वेबलिंक यूजर के डिवाइस को करप्ट (लॉक) कर देता है और एन्क्रिप्शन लिफ्ट (अनलॉक) करने के बदले मोटी फिरौती मांगता है| इसे साइबर क्राइम जगत में रैनसम मालवेयर भी कहते है|

गौरतलब है की ऐसे घोटाले पहले वेबसाइट्स तक ही सीमित थे, लेकिन अब ठगों ने पीएम मोदी का नाम इस्तमाल करके कई नकली फेसबुक अकाउंट भी बना दिए है| लोगों को लूटने का ये बेहद रचनात्मक तरीका है क्यूंकि इन एकाउंट्स में प्रधानमंत्री मोदी की फोटोज़ होने के साथ-साथ कोरोना वायरस को लेकर उनका एक सन्देश भी है जिसमे उन्होंने कवीड-19 से लड़ने के लिए दान करने की भावुक अपील की है| दिल्ली पुलिस द्वारा जांच करने पर पता चला है की बोगस फेसबुक एकाउंट्स से (एसबीआई की बजाय) आंध्रा बैंक के एक खाते में डोनेशन लिया जा रहा है, जो PM-CARES फंड में जमा न होकर, ठगों के खाते में जा रहा है|

ठगों द्वारा भेजा वेबलिंक यूजर के डिवाइस को करप्ट (लॉक) कर देता है और एन्क्रिप्शन लिफ्ट (अनलॉक) करने के बदले मोटी फिरौती मांगता है|

ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने से कैसे बचें

अक्सर फर्जी Id में किसी न किसी तरह का एरर होता है, इसलिए दान करने से पहले Id की स्पेलिंग चेक करना न भूले| किसी भी तरह की पेमेंट रिकवेस्ट को नज़र अंदाज़ करें| अगर आपके यूपीआई एप में किसी भी अनजान नंबर द्वारा पेमेंट रिकवेस्ट आये, तो उन्हें तुरंत ब्लॉक करदें| नागरिक और संगठन केवल pmindia.gov.in वेबसाइट पर जाकर ही दान करें| दान करने से पहले खाते का नाम और यूपीआई चेक कर लेवे और फिर ही डोनेशन टैब पर क्लिक करे| ये पेज आपको SBI बैंक के वेबपेज पर ले जायेगा, जहाँ ‘प्रोसीड’ पे क्लिक करने पर आपसे डोनेशन फॉर्म एवं राशि भरने की मांग की जाएगी, जिसके पश्चात् ‘सबमिट’ बटन दबा कर आप अपना डोनेशन कन्फर्म कर सकते है| इसके अलावा डोनर्स QR Code को स्कैन करके भीम यूपीआई के द्वारा भी दान कर सकते है|

अक्सर फर्जी Id में किसी न किसी तरह का एरर होता है, इसलिए दान करने से पहले Id की स्पेलिंग चेक करना न भूले| किसी भी तरह की पेमेंट रिकवेस्ट को नज़र अंदाज़ करें| अगर आपके यूपीआई एप में किसी भी अनजान नंबर द्वारा पेमेंट रिकवेस्ट आये, तो उन्हें तुरंत ब्लॉक करदें| नागरिक और संगठन केवल pmindia.gov.in वेबसाइट पर जाकर ही दान करें|


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rochin R Rochin Chandra
R Rochin Chandra is a Practicing Criminologist and Director of the Center for Criminology & Public Policy, India.

@RochinChandra

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